You are here: Home » Chapter 97 » Verse 4 » Translation
Sura 97
Aya 4
4
تَنَزَّلُ المَلائِكَةُ وَالرّوحُ فيها بِإِذنِ رَبِّهِم مِن كُلِّ أَمرٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

इस (रात) में फ़रिश्ते और जिबरील (साल भर की) हर बात का हुक्म लेकर अपने परवरदिगार के हुक्म से नाज़िल होते हैं